Saturday, May 26, 2012

'हवा टैक्स' के लिए तैयार हो जाइये...


आने वाले सालों में अगर सरकार आपसे हवा पर भी टैक्स ले तो हैरान मत होइयेगा...सुना है टाटा हवा से चलने वाली कार बना रही है...फिर क्या पता सब हवा से ही चलने लगे कार से लेके बस तक, ट्रक से लेकर टैक्टर तक सब हवा से चलें...और हवाई जहाज तो हवा में उड़ता ही है हवा से चलने भी लगेगा...अगर गाड़ियाँ और अन्य उपकरण हवा से चलने लगेंगे तो सरकार की आय, जिसका एक बहुत बड़ा हिस्सा पेट्रोल पर लगे कर से आता है कम हो जाएगी...फिर हो सकता है की सरकार हवा पर भी टैक्स लगा दे...फिर यूपी सरकार और दिल्ली सरकार में लड़ाई होगी...यूपी कहेगा की 'दिल्ली को सबसे ज्यादा हवा की सप्लाई हम करते हैं, इसलिए हमे अलग से टैक्स दो'... वहीँ हो सकता है गोवा सरकार पेट्रोल की तरह हवा टैक्स भी कम कर दे ओर वाहवाही लूट ले...और ये हो सकता है की टैक्स की ये पोलिसी देखकर पडोसी देश भी टैक्स लगादें...फिर हमारी सरकार कहेगी की हमारी हवा की ज़रूरते ज्यादा हैं इसलिए हमें हवा इम्पोर्ट करनी पड़ रही है...अब पेमेंट तो डौलर में ही होगा, सो रुपया कमज़ोर है इसलिए हमे हवा के दाम बढ़ाने पड़ेंगे...हो सकता है की पेट्रोल की तरह सरकार हवा को भी सरकारी नियंत्रण से बाहर कर दे ओर फिर अपना ठीकरा दूसरे के सर फोड़ दे...ये भी हो सकता है हवा के दाम बढ़ने पर बंगाली दीदी केंद्र को समर्थन वापस लेने की धमकी देंगी लेकिन हो तो ये भी सकता है की तब तक वो समर्थन देने लायक भी न रह जाये...

होने को तो ये भी हो सकता है की अमेरिका हम पर दबाब बनाये की हम ईरान से हवा आयत न करें क्युकी ईरान हवा बम भी बना रहा है...अब सोच ही रहे है तो कुछ आगे भी सोच लेते है...शायद अमीरों के क्षेत्र के लिए अमेरिका से हवा आयात की जाये...गरीबों के लिए तो यूपी बिहार से हवा मंगवाई ही जाएगी...हो सकता है फिर कुछ आँख मारने वाले बाबा सरीखे लोग जड़ीबूटियों की तरह हिमालय के पास की हवा का व्यापार शुरू कर दें...तब शायद पार्टियों के चुनावी एजेंडे में हवा के दाम कम करने का वादा भी हो...शायद कोई पार्टी हवा के नाम पर आम चुनाव जीत जाये... 'जिसकी हवा होगी वही जीतेगा'...अगर ऐसा होता है तो तब शायद इस देश में धर्म-जाति के नाम पर राजनीती बंद....अरे रे...बंद तो हो ही नही सकती लेकिन शायद कम ज़रूर हो जाये...लेकिन राज ठाकरे का क्या करेंगे तब शायद वो यूपी बिहार से आने वाली हवाओं पर महाराष्ट्र में रोक लगाने कि मांग करने लगे...हो सकता है जब हवा कि इतनी मांग बढ़ जाये तो तेलंगाना कि तर्ज पर कहीं हवा प्रदेश कि मांग ना हो...एक बात तो भूल ही रहा हूँ कहीं पकिस्तान से आने वाली आतंकी हवाओं से निपटने के नाम पर सरकार पैसा हवा में उड़ा दे और फिर देश में हवा घोटाला सामने आये...

जब पैसे नही लग रहे है तो ओर सोच लेते है...हो सकता है अगले राष्ट्रमंडल खेलों में हवा सप्लाई का जिम्मा कलमाड़ी को दे दिया जाये, और राजा भी दुबारा स्पेक्ट्रम कि नीलामी की मांग करें वो भी हवा टेक्स लगाने के बाद और फिर उन्हें जेल कि हवा खाने को मिले.... लेकिन जो भी होगा आम आदमी तो भी पिसेगा...क्यूकी उसकी किस्मत में ये ही लिखा है...वो हल्ला मचा सकता है, रो सकता है...लेकिन कुछ कर नही सकता बस कर दे सकता है...अब टैक्स की इतनी बातें करने के बाद कुछ पंक्तियाँ याद आ गयी कहीं ऐसा भी न हो की-

सुना है चाह पर भी टैक्स लगने वाला है, आह पर भी टैक्स लगने वाला है;

या खुदा!! हसीनों को देखें कैसे? सुना है निगाह पर भी टैक्स लगने वाला है!

-हिमांशु डबराल

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