ओ री चीरैया, नन्ही सी चिड़िया,
अंगना में फिर आजा रे....
स्वानंद कि लिखी ये पंक्तियाँ दिमाग में उथल उथल मचा गयी...लिखने पर मजबूर कर दिया...काफी दिनों से आमिर खान के शो “सत्यमेव जयते” को लेकर हो हल्ला मचा हुआ था... प्रोमोज, टाइटल सोंग और इस पर मीडिया में अलग अलग बातें...जो मन में एक सस्पेंस बनाये हुए थे... प्रोमो में आमिर खान को दुष्यंत कुमार कि पंक्तियाँ बोलते सुना कि “सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नही”...लगा कि कुछ तो बात होगी...लेकिन मन में सवाल उठ रहे थे कि शो में क्या होगा, शो किस विषय पर होगा वैगेहरा-वैगेहरा... लेकिन रविवार सुबह ११ बजे और ये इंतज़ार खत्म हुआ..
वैसे सुबह उठते ही टीवी देखने कि बीमारी कम ही लोगों को होती है.. लेकिन इस शो के प्रोमो और नाम ने सुबह इस प्रोग्राम को देखने के लिए काफी लोगों को मजबूर कर दिया...लो भाई दुनिया जहाँ के लो बैठ गये ये पोग्राम देखने... इस एपिसोड का विषय था ‘कन्या भ्रूण हत्या’...एक ऐसी बीमारी जो हर तबके में पायी जाती है... गरीब-अमीर, पढेलिखे-अनपढ़ सब में...सबको लड़का चाहिए...नही तो वंश कैसे बढ़ेगा...हम भला कब से ये निर्णय लेने लगे कि एक बच्ची जो अभी गर्भ में ही है वो इस दुनिया में आएगी भी कि नही...न जाने वो लोग(हैवान) कैसे होंगे जो गर्भ में या पैदा होने के बाद एक नन्ही सी जान कि हत्या कर देते है? उनकी नज़र कभी शर्म से झुकती होगी कि नही...पता नहीं?? ये ऐसा जघन्य अपराध जिसकी सजा जितनी हो वो कम ही है...
ज्यादातर शहरी लोगों को लगता है कि कन्या भ्रूण हत्या गावों में ज्यादा होती है और अनपढ़ या कम पढेलिखे लोग इस तरह का कुकृत्य करतें है...लेकिन आकड़े बताते है कि पढ़े लिखे और शहरों में बेटी को पैदा होने से पहले मार देने वाले लोगों कि तादात ज्यादा है...इस शो के माध्यम से हमारे समाज और ख़ास तौर पर तथाकथित आधुनिक और पढेलिखे लोगों का काला चहरा सामने आया है...ऐसा नही है कि इस विषय पर पहले कोई कार्यक्रम नही आया या ये आकड़े लोगों को पता नही थे... फर्क सिर्फ इतना है कि आमिर खान कि वजह से ये ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ये आकड़े और ये कड़वी सच्चाई पहुची... ये अपनेआप में पहला ऐसा कार्यक्रम है जो किसी कामर्शियल चैनल के अलावा दूरदर्शन के राष्ट्रिय चैनल पर भी प्रसारित हो रहा है...जिससे ये शो ऐसे सुदूर इलाकों तक भी पहुच सकता है जहाँ तक कामर्शियल चैनल कि पहुच नही है...ऐसे में इस शो से इन मुद्दों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाया जा सकता है... हो सकता है कि कुछ लोग इसके माध्यम से ये जिम्मा उठायें कि वो अपने आसपास जन्म से पहले नन्ही परियों का क़त्ल नही होने देंगे...
शो के शुरू होते ही इसको लेकर नकारात्मकता का बाज़ार भी गर्म है...लोग कह रहे है कि आमिर अपनी पब्लिसिटी ज्यादा कर रहें है...तो कुछ का कहना है कि ये समस्या ज्यादा बड़ी है इस शो से कुछ नही होने वाला...लेकिन अरे भाई हाथ पर हाथ धरे बैठने से तो अच्छा है कि कम से कम आवाज़ तो उठाई जाये...क्या पता आपकी आवज़ कि गूंज उन हत्यारों के कान में भी पड़ जाये जो इस तरह के अपराध को अंजाम देतें है...और शायद हो सकता है कि उनमें कुछ ये अपराध न भी करें... लेकिन यथास्थितिवादी लोगों को ये सोचना चाहिए कि पहल छोटी ही सही लेकिन पहल ज़रुरी है...कुछ न करने से भी कुछ नही होगा...
कहीं ऐसा न हो कि जब बेटियां, माँ, बहने या पत्नी हर वो रिश्ता जो एक स्त्री से जुडा होता है उस रिश्ते कि छाव के लिए हम तरस न जाएँ...समाज में बेटियों का अकाल न पड़ जाये... इसलिए हम सबको मिलकर हर उस नन्ही चिड़िया को बचाने कि कोशिश करनी होगी जो हमारे बीच में रह रहे दरिंदों के निशाने पर हो...नही तो सच में हममे और हैवानों में कोई अंतर नही रह जायेगा...
-हिमांशु डबराल
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ReplyDeleteO Ri Chiraiya, Satyamev Jayate...Aamir Khan
ReplyDeletelisten this song with your eyes closed...
http://www.youtube.com/watch?v=ZUjBxPvdUEs