चुभन दिल में बड़ी आजीब सी होती हैं,
इसकी ख़ुशी भी हमे अजीज सी होती है।
चुभन दिल में...
हम क्या करे हमे प्यार है उनसे,
और वो कहते है हमसे,
की ऐसी किस्मत बड़े नसीब से होती है...
चुभन दिल में...
मन की पतंगे,
ख्वाबो के आसमा में, खो जाती है...
जैसे नीले आसमा की गोद में वो सो जाती है,
फिर भी वो हमारे लिए सजीव सी होती है...
चुभन दिल में...
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-हिमांशु डबराल
अज्ञेय की कविता की पंक्ति है -----------
ReplyDelete'' दुःख सबको माजता है ''
आपकी कविता की संवेदना कुछ यूँ ही आकार ले रही है .........चुभन में खोज ...........
............... सुन्दर ...............
अच्छा लिखते हैं आप
ReplyDeleteजैसे नीले आसमा की गोद में वो सो जाती है,
ReplyDeleteफिर भी वो हमारे लिए सजीव सी होती है...
चुभन दिल में...
-बहुत सुन्दर!!
भावनात्मक रचना....
ReplyDeletebahut achcha likha hai apne..
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