Saturday, November 28, 2009

चुभन

चुभन दिल में बड़ी आजीब सी होती हैं,
इसकी ख़ुशी भी हमे अजीज सी होती है।
चुभन दिल में...
हम क्या करे हमे प्यार है उनसे,
और वो कहते है हमसे,
की ऐसी किस्मत बड़े नसीब से होती है...
चुभन दिल में...
मन की पतंगे,
ख्वाबो के आसमा में, खो जाती है...
जैसे नीले आसमा की गोद में वो सो जाती है,
फिर भी वो हमारे लिए सजीव सी होती है...
चुभन दिल में...
.
-हिमांशु डबराल

5 comments:

  1. अज्ञेय की कविता की पंक्ति है -----------
    '' दुःख सबको माजता है ''
    आपकी कविता की संवेदना कुछ यूँ ही आकार ले रही है .........चुभन में खोज ...........
    ............... सुन्दर ...............

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  2. अच्छा लिखते हैं आप

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  3. जैसे नीले आसमा की गोद में वो सो जाती है,
    फिर भी वो हमारे लिए सजीव सी होती है...
    चुभन दिल में...

    -बहुत सुन्दर!!

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  4. भावनात्मक रचना....

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  5. bahut achcha likha hai apne..

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